पाकिस्तान में इमरान खान की तीन बहनों के साथ बदसलूकी: अलीमा, उज़्मा और नूरिन ने सुनाई दर्दनाक कहानी

पाकिस्तान में इमरान खान की तीन बहनों के साथ बदसलूकी: अलीमा, उज़्मा और नूरिन ने सुनाई दर्दनाक कहानी

पाकिस्तान की राजनीति एक बार फिर उथल-पुथल में है। इस बार मामला सिर्फ सत्ता संघर्ष का नहीं बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तीन बहनोंअलीमा खान, उज़्मा खान और नूरिन खान — के साथ हुए कथित पुलिसिया अत्याचार का है।
तीनों बहनों ने आरोप लगाया है कि उन्हें सड़क पर घसीटा, धक्का दिया, और जबरन हिरासत में ले जाया गया, जबकि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपने भाई से मिलने की मांग कर रही थीं।


घटना कैसे शुरू हुई?

इमरान खान इस समय जेल में बंद हैं, और उनकी बहनें हर हफ्ते की तरह मुलाकात के लिए पहुंचीं। लेकिन इस बार उन्हें मिलने की अनुमति नहीं मिली।
इसी के बाद तीनों बहनों ने जेल के बाहर बैठकर शांतिपूर्ण विरोध शुरू किया।

जैसे-जैसे समय बीतता गया, वहां भीड़ इकट्ठा होने लगी।
कुछ देर बाद पुलिस ने उन्हें जगह से हटाने का प्रयास किया—और यहीं से विवाद शुरू हुआ।


बहनों के आरोप: “हमें सड़क पर घसीटा गया”

अलीमा खान ने मीडिया से बातचीत में बताया कि—

  • पुलिस ने अचानक उन्हें घेर लिया

  • महिलाओं को भी पीछे धकेला गया

  • नूरिन को जोर से पकड़कर सड़क पर गिराया गया

  • उज़्मा को बांह पकड़कर खींचा गया

  • उनके साथ मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं को भी तितर-बितर किया गया

अलीमा का कहना है कि वे सिर्फ अपने भाई से मिलने का अधिकार मांग रही थीं, जो कानूनन उनके पास है।


10 घंटे तक चला विरोध, फिर जबरन हिरासत

तीनों बहनों ने करीब 10 घंटे तक वहीं धरना जारी रखा।
रात होते-होते पुलिस की कार्रवाई और सख्त हो गई।

बहनों के अनुसार:

  • उन्हें जबरन एक वैन में बैठाया गया

  • मोबाइल फोन छीन लिए गए

  • सुरक्षा कर्मियों ने रास्ता खाली कराया

  • उन्हें दूर के इलाके में छोड़ दिया गया

इस दौरान नूरिन कई बार भावुक भी हुईं, क्योंकि उनके साथ धक्का-मुक्की हुई थी।


राजनीतिक तूफ़ान और जन-आक्रोश

इस घटना के बाद पाकिस्तान की राजनीति में नया तूफ़ान उठ गया।
विपक्षी नेताओं ने इसे—

  • महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन,

  • मानवाधिकारों पर हमला,

  • और राजनीतिक प्रताड़ना

बताया।

सोशल मीडिया पर भी इस घटना के कई वीडियो और बयानों ने सरकार पर सवाल खड़े कर दिए।
कई लोगों ने कहा कि यह सत्ता के दुरुपयोग का सबसे बड़ा उदाहरण है।


पुलिस की सफाई

पुलिस की ओर से यह कहा गया कि:

  • ये लोग “अनधिकृत विरोध” कर रहे थे

  • सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत उन्हें हटाना जरूरी था

  • किसी तरह की हिंसा नहीं की गई

लेकिन बहनों और चश्मदीदों के बयान कुछ और ही कहानी बताते हैं।


महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल

पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यही है कि—

क्या पाकिस्तान में महिला होने के बावजूद राजनीतिक परिवार भी सुरक्षित नहीं?

तीनों बहनों के अनुसार:

  • उन्हें पहचानकर निशाना बनाया गया

  • महिला पुलिस होने के बावजूद बहुत बदसलूकी हुई

  • उनकी उम्र और स्वास्थ्य को भी नजरअंदाज किया गया

यह घटना पाकिस्तान में महिला सुरक्षा, मानवाधिकार, और राजनीतिक दबाव के मुद्दों को फिर से केंद्र में ले आई है।


परिवार की मांग – “हमें मिलने का हक चाहिए”

इमरान खान की बहनों ने कहा है कि वे पीछे नहीं हटेंगी।
उनकी मांग सरल है:

  • कानून के अनुसार मिलने की अनुमति दी जाए

  • राजनीतिक बदले की कार्रवाई बंद की जाए

  • महिलाओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार हो

अलीमा ने कहा कि वे अपने भाई से मिलने के अधिकार के लिए लड़ती रहेंगी।


निष्कर्ष: पाकिस्तान की राजनीति में फिर उबाल

यह घटना सिर्फ तीन महिलाओं की नहीं, बल्कि पाकिस्तान के लोकतंत्र की परीक्षा है।
अगर आरोप सच हैं, तो यह देश में राजनीतिक दमन, राज्य शक्ति के दुरुपयोग, और महिला अधिकारों की भयावह स्थिति को उजागर करता है।

राजनीतिक तनाव पहले ही ऊँचाई पर है, और यह प्रकरण आग में घी डालने जैसा है।

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